बुधवार, 22 सितंबर 2010

अब जो होगा, उसकी आप कल्पना नहीं कर सकतेःअशोक सिंघल



अब जो होगा, उसकी आप कल्पना नहीं कर सकतेःअशोक सिंघल
इलाहाबाद. विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल इन दिनों स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। वे 84 साल के हैं। जून में उनकी एंजियोप्लास्टी हुई है। दूसरों को मंदिर का मसला भले ही एक भूला-बिसरा अध्याय लगे, लेकिन सिंघल ऐसा मानने को कतई राजी नहीं हैं। उन्हें भरोसा है कि माहौल भले ही नजर न आए, लेकिन मंदिर को लेकर अंडर करंेट है और करोड़ों लोग सही वक्त का इंतजार कर रहे हैं। वे कहते हैं-‘अभी आप सोच नहीं सकते कि अयोध्या को लेकर अब क्या होने वाला है?’

आंदोलन के इतने अरसे बाद मंदिर मुद्दे की प्रासंगिकता के सवाल पर वे कड़क अंदाज में जवाब देते हैं-‘देखिए, राम मंदिर के संदर्भ में प्रासंगिकता शब्द ही गलत है। राम समयातीत हैं और मंदिर का मुद्दा लोगों के दिलों में सदियों से ताजा है। एक संकल्प के बाद ढांचे को ढहते दुनिया ने देखा, दूसरे संकल्प के बाद मंदिर बनता हुआ देखेंगे और यह जल्दी ही होने वाला है।

इस भूल में मत रहिए कि मुद्दा भुलाया जा चुका है।’ जिला अदालत में 40 साल लगे, हाईकोर्ट में 20 साल बीत गए, इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में अटका तो? सिंघल का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट तक मामला जा नहीं पाएगा। हम संसद में फैसले के लिए सरकार को मजबूर कर देंगे। जब शाहबानो के लिए कानून बदल सकता है तो यह करोड़ों लोगों की आस्था का प्रश्न है। देश में ताकत का ऐतिहासिक प्रदर्शन होगा।

अबकी दफा भाजपा की भूमिका क्या होगी? हंसते हुए वे कहते हैं कि भाजपा वहां होगी, जहां ताकत होगी। सिर्फ भाजपा ही नहीं आप कांग्रेस के लोगों को भी हमारे साथ खड़ा देखेंगे। भाजपा से हमें कोई शिकायत नहीं है। उसने केंद्र में सरकार बनाई लेकिन 180 सांसदों के साथ करती क्या, वह तो ताकतहीन थी। लेकिन इस समय आप कल्पना नहीं कर सकते, जो अब होने वाला है। थोड़ा धर्य रखिए। शक्ति की पहचान नहीं है आपको। इसलिए ऐसे सवाल करते हैं।

मंदिर आंदोलन के अपने संगियों आचार्य धर्मेद्र और ऋतंभरा से मेल-मुलाकातें होती हैं? सिंघल का जवाब है-‘हम लगातार मिलते रहे हैं और यह सब एक बार फिर देश के सामने आने वाले हैं।’ आखिर क्या होने वाला है? वे शांत स्वर में बताते हैं कि अगस्त से चार महीने तक एक व्यापक अभियान शुरू होने वाला है। लोग संकल्प लेंगे और सरकार को मजबूर कर देंगे। भारत में इससे पहले ऐसा कभी देखा नहीं गया होगा। यह सब राम ही कराएंगे।किसी राजनीतिक दल की क्या कूवत है?

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