मंगलवार, 14 सितंबर 2010

कश्मीर तथा कथित मानवता वादी


आज चारों तरफ मानवता वादी रोते घरियाली आसू बहते दिखाई परते है । जब हिन्दू माँ बहनों के साथ बलात्कार हो रहा था इस्लाम के नाम पर हत्याए होरी थी लूट हो रही थी इस्लाम को बचने के नाम पर , जाकिर नाईक के इस्लाम का प्रचार बढ़ा जहा सब जायज थ इस्लाम के नाम पर । तब ये मानवत वादी किसी चूहे के बिल में बता कर चाय पार्टी करते थे । जब हमरे वीर सिपाही अत्याचारी बलात्कारी , लुटेरे जेहादियों के हाथ से कश्मीर को निकाल शांति की स्थापना में लगे है तब ये लोगो को रोना आता है , आयेगा जरूर अब इनकी रोटी ख़तम हो जाएगी, अनके अन्ना डाटा इनका भोजन पानी बंद कर देगे ,

आज फिर से ये कुत्ते फिर हर रोजा बहाना करके कश्मीरी लोगो की ह्त्या करते है दोष सिपाहियों को देते है , इन हत्यारों को फासी की सजा देनी चाहिए इन हत्यारों से कश्मीर को बचाना है ।

1 टिप्पणी:

  1. सच कह रहे हैं । क्या सैनिक मानव नही हैं या हिंदू मानव नही हैं ?

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