बुधवार, 8 जुलाई 2009

अक्षय पुण्यों का त्योहार है अक्षय तृतीया

अक्षय पुण्यों का त्योहार है अक्षय तृतीया

नई दिल्ली। किसी भी शुभ कर्म के लिए काफी पवित्र माने जाने वाले अक्षय तृतीया पर्व पर हिन्दू श्रद्धालु नए निवेश या दान आदि कर्म को फलदायक मानते हैं। मान्यता है कि इसी दिन त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी और महर्षि वेद व्यास ने भी इसी दिन महाभारत लिखनी शुरू की थी। इस बार सोमवार को अक्षय तृतीया का त्योहार है और लोगों में इसको लेकर अभी से ही काफी उत्सुकता है।
धर्म विशेषज्ञों के अनुसार मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन किए जाने वाले कामों और दान का फल अक्षय रहता है अर्थात कभी नहीं मिटता। इसी कारण लोग इस दिन विभिन्न वस्तुओं का दान करते हैं। हिन्दू त्योहारों और वृक्षों के बारे में कई पुस्तकें लिख चुके लखनऊ के राधाकृष्ण दुबे के अनुसार अक्षय तृतीया पर्व वैशाख मास में शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन पडता है।
दुबे ने कहा कि यह भी मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन विष्णु भगवान के अवतार परशुराम का जन्म हुआ था। उन्होंने कहा कि पूरा वैशाख माह ही भगवान विष्णु से संबंधित माना जाता है। भगवान विष्णु को परोपकार बहुत प्रिय है, इसलिए श्रद्धालु पूरे वैशाख मास विशेषतौर पर अक्षय तृतीया के दिन दान करते हैं, जो परोपकार ही है।
उन्होंने कहा कि आजकल अक्षय तृतीया पर सोना, चांदी और आभूषण खरीदने का चलन शुरू हो गया है। इस चलन का कोई शास्त्रीय आधार नहीं है। यह चलन त्योहारों के व्यवसायीकरण के अलावा और कुछ नहीं है।
श्री सनातन धर्म संस्था नेदरलैंड अध्यक्ष पंडित श्री सुरेन्द्र शंकर उपाध्याय के अनुसार अक्षय तृतीया पर्व चूंकि गर्मी के मौसम में पडता है इसलिए इस पर्व पर ऐसी चीजों के दान का महत्व अधिक है जो गर्मियों के अनुकूल हो। उन्होंने बताया कि इस पर्व पर लोग प्राय: मिट्टी के बने घडे, सुराही, मीठा शरबत, सत्तू,खरबूजा और हाथ के पंखे आदि दान करते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन करना पवित्र मानते हैं।
पूज्य पंडित जी ने कहा कि इस दिन दान करने से हजार गुना फल मिलने की मान्यता है। संभवत:इसी मान्यता के चलते अक्षय तृतीया के दिन विवाह कराना पवित्र माना गया है। हिन्दू धर्म में विवाह को भी कन्या दान की संज्ञा दी जाती है। यही वजह है कि राजस्थान में बहुत से लोग इसी दिन विवाह करना पसंद करते हैं।

यस. जगलाल
श्री सनातन धर्म नेदरलैंड

5 टिप्‍पणियां:

  1. दूर देश में ऐसा प्रयास सराहनीय है. कृपया जारी रखें. और सामग्री भी प्रकाशित करें. सादर शुभकामनाएं.

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  2. बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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  3. बहुत अच्छा लगा पढ़कर ..अक्षय पुण्यों का त्योहार है अक्षय तृतीया इस दिन को पवित्र माना गया है,इस दिन किया गया कार्य सफल होता है ..,इतने दूर रह्कर अपनी मिटटी से जुड़े रहना सच्ची देश भक्ति है धर्म के प्रति गहरी श्रद्धा..सराहनीय है .. आपका स्वागत है मित्र ,उम्मीद करता हूं कि आप् इसी तरह लिखते रहेंगे और हम सब से अपनी मिटटी से जुड़े रहेंगे.. मक्

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