शनिवार, 13 नवंबर 2010

मुसलमानों को खुश करने में राहुल , राहुल को खुश करने में कांग्रेसी गुलाम

कांग्रेसी गुलामो के द्वारा आज कल संघ के खिलाफ बहुत नारे गए जा रहे है भारत की सडको पर ,लगता है की कांग्रसी लोगो के अन्दर देश प्रेम की ज्वाला भार्कने लगी है । लेकिन एसा नहीं है इनकी ज्वाला अरुधंति , गिलानी , तथा कथित तमाम आतंकी समर्थको के खिलाफ नहीं दिखाई परती , तब ये भीगी बिल्ली बन चुप रहते है , तब राहुल बाबा कही किसी पंचा तारे होटल में आराम फरमाते है जा येयाशी करते है कोण जाने । कायरता के पुतले तब अपनी जुबान खोलने से भी डरते है तब एक सडक मार्च नहीं होता है । हा जब एक प्रश्न सुदर्शन जी ने कहा तो इनको पुतला फुकने की याद आगई । लेकिन ये पुतला फुकने की बात आज ही किसलिए याद ई ये भी सोचने वाली बात है सुदर्शन जी तो बराबर ये बाते समय समय पर उठाते रहते थे इसलिए की वे उस जनता के प्रति निधि है जो अपने प्रिय नेतावो की हत्या का सच जानना चाहती है , सरकार सच बताना नहीं चाहती है जनता सच जानना चाहती है ये प्रश्न उठते रहेगे सालोसाल सुभाष बाबु के सवालो की तरह । हा अगर कांग्रेस के गुलाम सच बोलने की हिम्मत रखते है तो सुदर्शन जी के सवालो का जबाब दो ।
गुलामो तुम जबाब नहीं दोगो जनता ये भी जानती है तुमको कुर्सी चाहिए , राहुल को कुर्सी चाहिए उसके लिए तुम सब करने के लिए भी तेयार हो करो कुर्सी के लिए तो आजकल नेता अपनी माँ बहन की शादी भी करदेते है ।
कुर्सी के लिए राहुल को मुसलमनो को खुश करना है गुलामो को अपनी कुर्सी के लिए राहुल को ,करो खुश लेकिन हम भारत के उस जगह के रहने वाले है जो आजाद है हम सवल करते रहगे रावण की तरह पुतले जालाने का कम करो येही पुतले एक दिन हनुमान बन कर तुम्हारी लंका जला डालेगे समझ लेना ।
भारत माता की जय

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